THE 2-MINUTE RULE FOR BEST HINDI STORY

The 2-Minute Rule for best hindi story

The 2-Minute Rule for best hindi story

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The novel touches on themes of gender discrimination, dowry, and the struggles faced by Ladies within a male-dominated Culture. Premchand’s crafting is characterised by its deep knowledge of human mother nature along with the socio-cultural backdrop of his time. Via Nirmala, he sheds gentle over the injustices confronted by Women of all ages and raises vital questions on morality, social conventions, and the necessity for societal reform.

विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।

साधु की पुत्री - हितोपदेश की प्रेरक कहानियां

From the extensive area of literature, Hindi language fiction stands as a testament towards the prosperous cultural landscape of India. Hindi literature has advanced over the years, offering audience a kaleidoscope of narratives that replicate the myriad aspects of human knowledge.

दो चूहे – Two Mice Hindi A mouse went out for an adventure and meets a peculiar mouse or so he identified as himself. The mouse then went on to show and try for making this so termed mouse demonstrate him self if He's as mousy as he claimed for being. So on they went, …

गोपाल अपनी पत्नी के साथ दोपहर में आराम कर रहा था। पर उसके बेटे हरी को नींद नहीं आ रही थी। दरअसल हरी की स्कूल की छुट्टियां चल रहीं थी और उसके सारे दोस्त कहीं न कहीं घूमने चले गए थे। हरी घर में रहते रहते ऊब गया था। हरी ने अपनी माँ को जगाया और उनसे मिठाई खाने जाने के लिए पैसे मांगे। पर उसकी माँ उसकी बात टाल के फिर से सो गयी। हरी ने अपने पिता गोपाल से भी पैसे लेने की कोशिश करी पर निराशा ही हाथ लगी।

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की get more info दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

हिरनी गीदड़ के पीछे दौड़ने लगी। गीदड़ अपने प्राण लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया।

वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।

दिन बीतते गए और मोर पर्याप्त सुविधाओं के साथ एक महान जीवन व्यतीत करता था। धीरे-धीरे उनका अभिमान आसमान पर पहुंच गया। का संगी अपना अधिक समय मोर के साथ बिताती थी, परिणामस्वरूप वह अपनी गर्मी से पृथ्वी को गले नहीं लगा पाती थी। धरती ठंडी होने लगी और जंगल के जानवर बीमार और उदास रहने लगे। हर समय बारिश होने लगी, सब कुछ तबाह हो रहा था और पृथ्वी पर कोई खुशी नहीं बची थी।

अगले दिन दूसरे भाई ने सावित्री को अपने सफ़ेद मैले कपडे धोने के लिए भेजा और जानबूझकर उसे साबुन नहीं दिया। तालाब पर पहुंच कर सावित्री रोने लगी। तभी वहां से एक सारस निकला और रोती हुई सावित्री को देख कर उसकी मदद के लिए रुक गया। सरस कपड़ों पर लोटने लगा जिस से कपडे दूध जैसे सफ़ेद हो गए। सावित्री ख़ुशी ख़ुशी कपडे ले कर घर चली गई।

सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा लिया था।

गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।

" किरन अभी भोरी थी। दुनिया में जिसे भोरी कहते हैं, वैसी भोरी नहीं। उसे वन राधिका रमण प्रसाद सिंह

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